डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट (Double Taxation Avoidance Agreement) एक ऐसी समझौता है जो दो देशों के बीच कर लेने के मामले में अवॉइडेंस करने के लिए होता है। इसका मुख्य लक्ष्य यह होता है कि जब एक व्यक्ति दो देशों के बीच व्यापार करता है या एक देश में काम करता है तो उसे दोनों देशों में कर नहीं देना पड़े।
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट दो देशों के बीच एक समझौता होता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति के समान कर दोनों देशों में भुगतान किया जाता है। इस प्रकार, डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट व्यापार और निवेश के लिए अधिक संभवता प्रदान करता है।
दो देशों के मध्य डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट की उपयोगिता है क्योंकि इससे दो देशों के बीच कर संबंधित मामलों में स्थायित्व, सुविधा और समझौता बढ़ता है। इसके साथ ही, व्यापार और निवेश प्रणाली को आकर्षक बनाने के लिए एक ऐसे समझौते की आवश्यकता होती है जो दोनों देशों के व्यापारियों और निवेशकों को सुरक्षा दे सके।
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट की वैधता दोनों देशों द्वारा स्वीकृत की जाती है। कुछ देश डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट के लिए एकदम निजी हो सकते हैं, जबकि कुछ देश आमतौर पर कुछ विशिष्ट शर्तों के माध्यम से यह समझौता कर सकते हैं।
दो देशों के बीच डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट आमतौर पर निर्यात और आयात, और यात्रा अलावा भी कई क्षेत्रों में लागू होता है। आमतौर पर, यह समझौता दो देशों के बीच व्यापार या काम करने वाले व्यक्तियों के लिए उपयोगी होता है।
भारत की ओर से, भारत कई देशों के साथ डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट समझौते का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के कुछ देश शामिल हैं।
संक्षेप में, डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट एक महत्वपूर्ण समझौता है जो दो देशों के बीच कर संबंधित मामलों में सफलता के लिए आवश्यक है। इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों के व्यापारियों और निवेशकों को सुरक्षा दी जाती है।